उत्तराखंड में विभिन्न संस्कारों में गाए जाने वाले मांगलिक गीत जिन्हें मांगल भी कहा जाता है, जो देवभूमि की गौरवशाली संस्कृति का प्रतीक है। इन्हें सुनकर हर कोई भाव विभोर हो सकता है।
ऐसा ही साल 1984 में हुआ भी जब मांगल गीत सुनकर स्वर कोकिला लता मंगेशकर अपने स्टूडियो को छोड़कर उस स्टूडियो में आ गई थीं, जहां उत्तराखंड का मांगल गीत रिकॉर्ड किया जा रहा था।
इतना ही नहीं उन्होंने मांगल गीत गा रहे कलाकारों से कहा उत्तराखंड के लोग मुुझे बहुत पसंद हैं और वहां के लोकगीत भी मुझे बहुत भाते हैं। यह बातें उत्तराखंड की लोकगायिका कल्पना चौहान ने बताईं।